कृत्रिम बुद्धिमता : समाज के विकास की दिशा में एक अनोखी पहल
DR. PUNAM KESHARWANI
ASISTANT PROFESSOR
PAL RAJENDRA B.ED COLLEGE
KANDIVALI EAST
MUMBAI, 400101
सार संक्षेप
कृत्रिम बुद्धिमता तेजी से हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है, जो समाज के विभिन्न पहलुओं को बदल रहा है और नई संभावनाओं और अवसरों को खोल रहा है। हालांकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास समाज पर इसके प्रभाव और इसके व्यापक रूप से अपने जाने की संभावित परिणामों के बारे में चिंताएं भी पैदा करता है। यह शोध पत्र समाज के विभिन्न पहलुओं जैसे अर्थव्यवस्था, शिक्षा ,स्वास्थ्य सेवा, रोजगार और नैतिकता को शामिल करता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभाव पर मौजूद शोध और डाटा की गहन समीक्षा की गई। साहित्य समीक्षा कृत्रिम बुद्धिमत्ता के आर्थिक, सामाजिक और नैतिक निहितार्थ के साथ-साथ उनके कार्य एवं से जुड़ी चुनौतियों पर केंद्रित थी। समीक्षा में पाया गया कि कृत्रिम बुद्धिमता समाज को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचाने की क्षमता रखता है यह एक ऐसी चुनौतियां और जोखिमों में प्रस्तुत करता है जिनका समाधान किया जाना चाहिए। यह पत्र समाज के विभिन्न क्षेत्रों जिनमें स्वास्थ्य सेवा शिक्षा और रोजगार शामिल है पर कृत्रिम बुद्धिमता के प्रभावों की चर्चा भी प्रस्तुत करता है। विश्लेषण में पाया गया कि कृत्रिम बुद्धिमता में रोगी के परिणामों को बेहतर बनाने और अधिक कुशल और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की इसमें क्षमता है। यह व्यक्तिगत और अनुकूलित शिक्षक अनुभव प्रदान करके शिक्षा को भी बदल सकता है साथ ही साथ कार्यस्थल में इसके उपयोग से नौकरी के विस्थापन और आर्थिक असमानता की संभावनाओं के बारे में चिंताएं पैदा होती हैं। इसके अलावा यह सूत्र पत्र इसके अनेक नैतिक निहितार्थों मूल्यांकन भी करता है। इसमें पूर्वाग्रह गोपनीयता और पारदर्शिता जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए नैतिक ढांचे और दिशा निर्देशों की आवश्यकता शामिल है। कुल मिलाकर यह शोध पत्र समाज के विभिन्न पहलुओं पर इसके प्रभावों का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करता है इसके कार्यान्वयन से जुड़े प्रमुख रुझानों और चुनौतियों की पहचान होती है और इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए संभावित समाधान भी प्रस्तुत होते हैं ऐसा करके यह पत्र नीति निर्माता प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों और आम जनता को इसकी जिम्मेदारी और न्याय संगत तैनाती की दिशा में मार्गदर्शन करने में मदद करता है।
कीवर्ड: कृत्रिम बुद्धिमत्ता, नैतिक निहितार्थ, स्वास्थ्य देखभाल, प्रभाव समाज।
DOI link – https://doi.org/10.69758/GIMRJ/2412IVVXIIP0014
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