नैतिकता और मूल्य- आधारित शिक्षा
रेणु साहू
सहायक प्राध्यापक
सांदीपनी एकेडमी अछोटी, दुर्ग (छ.ग.)
सारांश
नैतिकता और मूल्य आधारित शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों को जीवन के सही और गलत पक्ष को समझने, अपने आचार-व्यवहार में सुधार लाने और समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए तैयार करना है। इस प्रकार की शिक्षा विद्यार्थियों को सिर्फ शैक्षिक ज्ञपन नहीं ब्लकि जीवन के मूल्य और नैतिक सिद्धांत भी सिखाती है। यह शिक्षा समाज में आपसी सम्मान, समझ और सहिष्णुता को बढ़ावा देती है, जिससे समाज में सद्भाव और शांति स्थापित होती है।
नैतिकता से तात्पर्य है उन सिद्धांतों और मानकों से, जो किसी व्यक्ति के आचरण को सही या गलत के रूप में परिभाषित करते हैं। इसमें ईमानदारी, सहानुभूति, न्याय और सम्मान जैसे गुण शामिल हैं। मूल्य-आधारित शिक्षा में बच्चों को इन नैतिक मूल्यों का पालन करना सिखाया जाता है ताकि वे अपनी व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारियों को समझ सकें।
विद्यार्थियों में समाज में आपसी सम्मान और सहयोग और भावना पैदा होती है। यह शिक्षा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का समग्र विकास करती है, जिससे के आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनते हैं। मूल्य आधारित शिक्षा विद्यार्थियों को विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों का सम्मान करना सिखाती है। विद्यार्थियों को नैतिक निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त होती है, जिससे वे जीवन के कठिन परिस्थितियों में सही विकल्प चुन सकते हैं।
DOI link – https://doi.org/10.69758/GIMRJ/2412IV02V12P0022
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