डॉ . अमित धर्मसिंह कृत काव्यमय आत्मकथा ‘हमारे गाँव में हमारा क्या है ‘ में दलित संवेदना
डॉ.अमलपुरे सूर्यकांत विश्वनाथ
[ अध्यक्ष हिंदी विभाग ]
डॉ. श्री . नानासाहेब धर्माधिकारी कॉलेज गोवे- कोलाड ,
तहसील – रोहा ,जिला – रायगड , महाराष्ट्र
पिन- ४०२३०४ मो – ९७६६७३१४७०
Email – sureshamalpure05@gmail .com
सारांश :-
हिंदी साहित्य में दलित आत्मकथा ,उपन्यास ,नाटक और कविता बहुत सारे लेखकोंने लिखे है I काव्यमय आत्मकथा लिखने का प्रयास डॉ. अमित धर्मसिंह ने किया है I एक समीक्षक एवं साहित्यकार के रूप में आज के समय में सर्वोपरी प्रसिद्ध हो गये है I उनकी यह काव्यमय आत्मकथा पुरे समाज तथा दलित समाज के लिए एक प्रेरणादायी कृती लगती है I अपने बाल्यावस्था में घटित घटना शिक्षा एवं नौकरी पाने तक का संघर्ष ,समाज के साथ बीते घटनाय ,ऐसे अनेक संवेदनात्मक क्षण इस काव्यात्मक आत्मकथा में चित्रित किया है I अपने भोगी हुई पिडा, भय ,संत्रास की अनुभूती का हु -बे -हू- चित्रण डॉ.अमित धर्मसिंह ने किया है I
कुंजी शब्द :- काव्यमय, आत्मकथा, अभावग्रस्त ,संवेदनात्मक पक्ष ,दलित अभिव्यक्ती ,आक्रोश , सृजनात्मकता आदि I
DOI link – https://doi.org/10.69758/GIMRJ/2411IV04V12P0006
Download