उच्च शिक्षा – महाविद्यालय की समस्यायें एवं सुझाव (दूरस्थ अंचल के विशेष संदंर्भ में)

उच्च शिक्षा – महाविद्यालय की समस्यायें एवं सुझाव

(दूरस्थ अंचल के विशेष संदंर्भ में)

 

डॉ. पदमा सोमनाथे

सहायक प्राध्यापक (वाणिज्य)

स्व. बिंदेष्वरी बघेल शासकीय महाविद्यालय कुम्हारी, दुर्ग

Abstract

किसी भी राष्ट्र के स्वस्थ जीवन, कल्याण एवं शक्ति के लिए उच्च शिक्षा की भूमिका  अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। सामान्यतया शिक्षा का लक्ष्य  समाज के सदस्यों को शिक्षित एवं सुसंस्कृत बनाकर देश की सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक प्रगति का पथ प्रशस्त करना है। वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप ही उच्च शिक्षा की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। परन्तु फिर भी आज प्रदेश  के गामीण एवं दूरस्थ क्षेत्र के महाविद्यालय अधोसंरचना की कमी, प्राध्यापकों की कमी, गुणवत्ता की कमी, पुस्तकालय का अभाव, आवागमन के साधनों का अभाव, आधुनिक संसाधनों का अभाव आदि समस्याओं से जूझ रहे है। प्रस्तुत शोध में इन्ही समस्याओं एवं इनके प्रभावी सुझावों पर ध्यानाकृष्ट करने का प्रयत्न किया गया है।

Doi Link – https://doi.org/10.69758/GIMRJ2406IIV12P029

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