‘नदी के द्वीप’ कविता में निहित आशावाद

नदी के द्वीपकविता में निहित आशावाद

प्रा.डॉ.मनोज सुभाष जोशी

हिन्दी विभाग प्रमुख,

सहयोगी प्राध्यापक,

श्री शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय, अमरावती (महाराष्ट्र)

          मानव सदा जीवन को समझने का दावा करता है, परंतु जीवन भर अपने ही जीवन से भलिभांति परिचित नहीं हो पाता | जीवन को हम भले ही पूर्णतः न जान पाए परंतु जीवन को जानने की जिज्ञासा हमें सदा रखनी चाहिए |  यही संदेश देने वाले सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ के साहित्य को यदि हम समझ पाए तो यह हमारा जीवन को जानने का ही एक सफल प्रयास कहा जाएगा |

DOI link – https://doi.org/10.69758/GIMRJ/25040401V13P0007

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