इन्ना की आवाज में अभिव्यक्त सत्ता का चरित्र और आधुनिक भावबोध
डॉ. गरिमा सिंह
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शोध सारांश:
असगर वजाहत साठोत्तरी पीढ़ी के एक ऐसे रचनाकार हैं जिन्होंने सामाजिक यथार्थ को प्रस्तुत किया है। इन्होंने अपने नाटकों के माध्यम से उस सत्य को उद्घाटित किया है जो आज के राजनीतिक लोगों की ठीक से व्याख्या करता है। असगर वजाहत जी ने साहित्य की कई विधाओं में लेखन कार्य किया है लेकिन उन्हें सर्वाधिक प्रसिद्धि नाटक के क्षेत्र में ही प्राप्त हुई है। प्रस्तुत नाटक इन्ना की आवाज का कथानक मध्य एशिया से लिया गया है। लोक कथा पर आधारित यह नाटक आज के राजनैतिक लोगों के छद्म चरित्र को प्रस्तुत करता है। लोक जिसके अंदर समूचा संसार समाहित रहता है और जिससे समाज या समूह संचालित होता है कैसे एक नवीन भावबोध भी अपने भीतर समाहित किए रहता है वह इस नाटक में प्रस्तुत हुआ है।
बीज शब्द: कथानक, सामंती परिवेश, चरित्र प्रधान मध्यकालीन परिवेश, सठोत्तरी पीढ़ी, नैतिक मूल्य, साहस, दमनात्मक रवैया आदि
DOI link – https://doi.org/10.69758/GIMRJ/2503I3VXIIIP0001
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