भारत में विचाराधीन कैदियों की स्थिति
डॉ.अरविन्द कुमार वर्मा
सह आचार्य –समाजशास्त्र
श्री कल्याण राजकीय कन्या महाविद्यालय,सीकर (राज.)।
सार संक्षेप – विपथगामी व्यवहार करने पर व्यक्ति को समाज में इच्छा विरूद्ध अलग करने हेतु कैद में रखा जाता है। भारतीय में कैदियों को तीन श्रेणियों अपराधी, हिरासत में लिए गये व विचााराधीन में विभजित किया गया है। इन कैदियों में विचाराधीन कैदी आज सम्पूर्ण वैश्विक समाज के लिए महत्त्वपूर्ण मुद्दा है। विचाराधीन कैदी पर किसी अपराध का आरोप है परन्तु उसे दोषी नहीं ठहराया गया है। मुकदमे की प्रतीक्षा करते हुए ये न्यायिक हिरासत में होते हैं तथा मामले की सुनवाई की प्रतीक्षा कर रहा है।
प्रस्तुत शोध पत्र में विचाराधीन कैदी कौन है? इनकी समस्याएँ क्या हैं? इनके लिए क्या-क्या कानूनी प्रावधान हैं ? तथा इनका क्या भविष्य है ? आदि बिन्दुओं पर प्रकाश छाला गया है। इस हेतु अनेक पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं, सेमिनारों के सारांशो आदि का प्रयुक्त किया गया है।
संकेत शब्द – विपथगामी व्यवहार, विचाराधीन कैदी, कारागार, ट्रांसजेंडर, पुनर्वास, CRPC आदि।
DOI link – https://doi.org/10.69758/GIMRJ/2412IVVXIIP0005
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