भारतीय ज्ञान प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और नैतिकता आधारित पाठ्यक्रम विकास

भारतीय ज्ञान प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और नैतिकता आधारित पाठ्यक्रम विकास                                 

डॉ. समीना कुरैशी

सहायक प्राध्यापक (शिक्षा विभाग)

जे. ई. एस. कॉलेज, फरहदा, बिलासपुर (छ. ग.)

भूमिका

भारतीय ज्ञान प्रणाली का इतिहास अत्यंत समृद्ध और प्राचीन है। प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली में नैतिकता और मूल्यों को शिक्षा का मूल आधार माना गया था। वेद, उपनिषद, गीता, महाभारत, रामायण जैसे ग्रंथों में जीवन के उच्च आदर्श और नैतिक मूल्यों को रेखांकित किया गया है। भारतीय गुरुकुल प्रणाली में न केवल शैक्षणिक ज्ञान दिया जाता था, बल्कि छात्रों को चरित्र निर्माण, अनुशासन, कर्तव्यपरायणता और समाज के प्रति उत्तरदायित्व निभाने की शिक्षा भी दी जाती थी। गुरुकुलों में शिक्षार्थियों को जीवन के हर पहलू में नैतिकता और मूल्यों का पालन करने की शिक्षा दी जाती थी। शिक्षा का उद्देश्य केवल विद्या अर्जन नहीं, बल्कि व्यक्तित्व और समाज के लिए उपयोगी गुणों का विकास करना था। नैतिक शिक्षा, उस समय, मानव जीवन का अभिन्न अंग थी। यह शिक्षा प्रणाली समाज को संतुलित, परिपक्व और आदर्श नागरिक प्रदान करती थी।

DOI link – https://doi.org/10.69758/GIMRJ/2412IV02V12P0025

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