भारतीय ज्ञान प्रणाली और प्रौद्योगिकी
डॉ. अंकिता चन्द्राकर
प्राचार्य
श्री श्याम बालाजी कॉलेज महासमुन्द
इमलीभांठा, तहसील व जिला – महासमुन्द
सारांश
भारतीय ज्ञान प्रणाली एक समृद्ध और विविधतापूर्ण परंपरा है, जो प्राचीन काल से लेकर आज तक विभिन्न क्षेत्रों में योगदान करती रही है। यह प्रणाली वेदों, उपनिषदों, पुराणों, और अन्य प्राचीन ग्रंथों पर आधारित है, जिसमें ज्ञान का अधिग्रहण तात्त्विकता, अनुभव, और ध्यान के माध्यम से होता है। भारतीय ज्ञान प्रणाली में विज्ञान, गणित, आयुर्वेद, खगोलशास्त्र, और वास्तुकला जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर गहरा ध्यान दिया गया है।
प्राचीन भारतीय गणितज्ञों ने शून्य और दशमलव प्रणाली का विकास किया, जो आधुनिक गणित के आधार हैं। आयुर्वेद, जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के संतुलन पर आधारित है, आज भी एक महत्वपूर्ण चिकित्सा पद्धति मानी जाती है। भारतीय खगोलशास्त्र ने आकाशगंगाओं, ग्रहों और तारे की गति को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारतीय वास्तुकला ने मंदिरों, महलों, और अन्य संरचनाओं के माध्यम से कला और विज्ञान का संगम प्रस्तुत किया।
DOI link – https://doi.org/10.69758/GIMRJ/2412IV02V12P0020
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